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Sahoo Trailer Breakdown : साहो होगी इस साल की सबसे बड़ी हीट फिल्म, महज़ 24 घंटों मे ही साहो के यु-ट्युब टीज़र को मिले इतने व्युज़ ।

बाहुबली फिल्म सफलता के बाद साउथ के मेगा स्टार प्रभास की नयी फिल्म साहो का दुसरा टीज़र यु-ट्युब पर रिलिज़ हो चुका है । इस टीज़र का तेलुगु, तमिल और मलयाम वर्ज़न रिलिज़ किया है  UV Creations ने जो कि दक्षिण भारत की एक जानी मानी फिल्म प्रोडक्शन हाउस है । इसकी शुरुआत वम्षी कृष्णा रेड्डी और प्रमोद उप्पालापट्टी ने वर्ष 2013 में की । UV Creations ने अपने सफर की शुरुआत मिर्ची नाम की फिल्म से की जिसमें मुख्य भुमिका में प्रभास ही थे । साहो का हिन्दी वर्जन रिलिज़ किया है भारत की सबसे बड़ी म्युज़िक और फिल्म प्रोडक्शन कम्पनी T-Series ने ।

Prabhas on Bike in Saaho Moview
Sahoo Trailer Breakdown Imahe


साहो के ट्रेलर को चार अलग अलग भाषाओं में रिलिज़ किया गया है

साहो फिल्म का मेन ऑफिशियल यु-ट्युब टीज़र लॉंच किया गया 12 जुन 2019 को और महज़ चौबीस घंटों ने भीतर ही इस टीज़र के सभी वर्जन को मिला कर 55+ मिलियन व्युज़ हो चुके है । यु-ट्युब की भारतीय साईट पर साहो फिल्म का मेन टीज़र ट्रेंड कर रहा है और पब्लिक का रिएक्शन तो देखते ही बन रहा है ।

साहो के हिन्दी टीज़र को मिले 25+ मिलियन व्युज़, तेलुगु को 17+ मिलियन, तमिल को मिले 11+ मिलियन व्युज़ और मलयालम वर्जन को मिले 1+ मिलियन व्युज़ ।

Saaho Action Scene
Saaho Action Scene

हॉलीवुड की मुवी को टक्कर देता नज़र आता है साहो

साहो फिल्म का टीज़र कई मायमों में हॉलीवुड की मुवी को टक्कर देता हुआ नज़र आता है, फिल्म का ज़ॉनर एक्शन थ्रिलर है जिसमे ढेर सारे हाई क्वालिटी विजुअल इफ्फेक्ट डाले गये है । इस फिल्म का निर्देशन किया है सुजीत रेड्डी ने जिंहोने मात्र 23 साल की उम्र में तेलुगु फिल्म रन राजा रन से अपने फिल्म डाएरेक्टर करियर का आगाज़ किया जो 2014 में आई थी । साहो उनकी दुसरी फिल्म है ।

Saaho Action Scene
Saaho Action Scene

साहो फिल्म का कुल बजट 300 करोड़ रुपये का है

साहो फिल्म का कुल बजट 300 करोड़ रुपये का है जिसमें विजुअल इफेक्ट्स की लागत भी शामिल है । फिल्म की शुटिंग हैदराबाद, मुम्बई, आबुधाबी, दुबई, रोमानिया और युरोप के कुछ हिस्सों में की गयी है । फिल्म के कई सीन को तेलगु के साथ साथ हिंदी और तमिल में भी शुट किया गया है । फिल्म को 15 अगस्त को रिलीज़ किया जायेगा ।

मल्टीस्टार कास्ट

साहो फिल्म की मुख्य भुमिका में प्रभास के अलावा, श्रद्धा कपुर, जैकी श्राफ़, नील नितिन मुकेश, विनिला किशोर, मुरली शर्मा, अरुण विज़य, प्रकाश बालावेदी, एवेलीन शर्मा, सुप्रीत, चंकी पाण्डे, मंदीरा बेदी, महेश मांजरेकर और टीनु आनंद जैसे मंझे हुए कलाकर होंगें ।

Saaho Malti Starer Movie
Saaho Multi Starer Movie

ट्रेलर ब्रेक डाउन विद स्पॉलर वार्निग (Trailer Breakdown with Spoiler Warning)

फिल्म का ट्रेलर हमें रितिक रोशन की बेंग बेंग की भी याद दिलाता है । पर उम्मीद है की इसकी कहानी और भी दिलच्स्प होगी । फिल्मे के टीज़र में डॉयलॉग्स बहुत ही कम  हैं जिससे फिल्म की कहानी के बेस को समझ पाना मुश्किल है पर रिलिज़ से पहले इसके और भी ट्रेलर आने संभावना बन रही हैं ।

Action in Saaho Movie


साहो का अर्थ है जंबाज़ तो इसका मतलब भी यहाँ भी हो सकता है की प्रभास एक सिक्रेट एजेंट या फिर कॉप किरदार में हो सकते हैं । ट्रेलर की शुरुआत एक पपेट शो से की गयी है जिसमें एक लड़की को दिखाया गया जो श्रद्धा कपुर को रिप्लीकेट करती है, फिर दिखाई गयी है एक गुफा, जिसका फिल्म के बहुत महत्वपुर्ण स्टोरी लाईन-अप हो सकता है । फिर आता श्रद्धा कपुर का डॉयलॉग जिससे पता चलता है कि श्रद्धा कपुर का किरदार या तो अनाथ है या फिर उसके माता पिता उससे कहीं दुर है ।

प्रभास के डॉयलॉग लगता से है कि प्रभास किसी मिशन के तहत श्रद्धा कपुर से मिलता है और दोनो के बीच एक केमीस्ट्री डेवलप हो जाती है और फिर श्रदा कपुर को शुट करने वाले सीन आता है जिसके बाद दो लोग पानी में गिरते हुए दिखाई देते और निश्चित ही वो दोनो श्रद्धा कपुर और प्रभास हो सकते है ।

Fallen_in_Water_Saaho_Action_Scence
Saaho Action Sence


इसके बाद ट्रेलर का लुक एक दम से चेज़ होकर एक्शन पेक्ड हो जाता है । एक्शन के दृष्य काफि हाईटेक और रियलिस्टीक लगते है जो फिल्म को एक अलग लेवेल पर ले जाते है । प्राभस की स्ट्रॉंग मसल्स और सिक्स पैक एब्स इस मुवी में दिखने की हल्की सी सम्भावना है जिसका फैंस इंतजार कर रहे होगे ।

फिल्म में अमेरिका की Special Weapons And Tactics की एंफोर्स्मेंट युनिट को दिखाया गया है जो फिल्म की स्टोरी को एक इंटर्नेशनल प्रोस्पेक्टीव देता है ।

Jackie_Shroff_in_Saaho_Moive
Jackie Shroff in Saaho 


ट्रेलर में मंदिरा बेदी, चंकी पाण्डे, जैकी श्राफ़, नील नीतिन मुकेश और महेश मंजरेकर भी दिखाई देते है जो सारे विलेन के साईड से लगते हैं इतनी बड़ी स्टार कास्ट होने का मतलब है की कहानी भी बड़ी और मल्टी-डायमेंशनल होगी जिसमें सभी मुख्य किरदारों को फिल्म में कम से कम एक बार अपना वर्चस्व दिखाने का तो मौका जरुर मिलेगा ।

बेशक साहो इस साल की सबसे बड़ी हीट साबित हो सकती हैं ।


Saaho trailers in other languages

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भारत बनाम दक्षिण अफ्रिका विश्वकप 2019 , दक्षिण अफ्रिका के नहीं होंगी राहें आसान । South Africa has to challenge their fate, ICC World Cup 2019

Ind_vs_SA_icc_world_cup_2019

अपने पहले और दुसरे मैच मिली हार से दक्षिण अफ्रिकन टीम के कंधे अभी वैसे ही झुके थे कि खबर आई की डेल स्टेन जिनके कंधों पर दक्षिण अफ्रिकी गेदबाजी की कमान थी, उन्हीं के कंधे एक बार फिर चोटील हो गयें है और माना यह भी जा रहा है कि वह निकट भविष्य में गेंदबाजी भी नहीं कर सकेंगें । मतलब की वह विश्व कप टुर्नाँमेंट से अब बाहर हो चुके हैं ।

दक्षिण अफ्रिका ने विश्व कप टुर्नाँमेंट के तकनीकि समिति से मंजुरी के बाद डेल स्टेन के स्थान पर बायें हाथ के गेंदबाज़ ब्यूरॉन हेंडरिक्स को टीम में शामिल किया है । दक्षिण अफ्रिका अपने पहले दो मैच क्रमश : मेज़बान इंग्लैंड और बांग्लादेश  के खिलाफ खेले थे । दोनो मैचों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा , और तो और बांग्लादेश एशिया की पहली टीम बनी जिसने दक्षिण अफ्रिकन टीम को विश्व कप टुर्नाँमेंट में दो बार हराया ।

इन टीमों ने सबसे ज्यादा वन-डे क्रिकेट विश्व कप के उद्घाटन मैच खेले है । Teams who played most inauguration matches of ICC World Cup

विश्व कप टुर्नाँमेंट 2019 में 2 मैच खेल चुकी दक्षिण अफ्रिकन टीम का मुकाबला विराट कोहली की अगुआई वाली भारतीय टीम से जिन्होंने अभी तक इस टुर्नामेंट में एक भी मैच नहीं खेला है । माना जा रहा है इस मैच में भारतीय टीम का पलड़ा भारी रहेगा । भारतीय टीम नें अभी तक इस टुर्नाँमेंट में एक भी मैच नहीं खेला है यह कारण हो सकता है कि इस टीम के विनींग फैक्टर्स की भविष्यवाणी करना मुश्किल हो, पर भारत बनाम दक्षिण अफ्रिका के इस मैच में भारतीय टीम के विनींग फैक्टर्स से ज्यादा दक्षिण अफ्रिका के लुज़ींग फैक्टर्स पर ध्यान अधिक केंद्रीत हो रहा है और यही वो वजह है कि इस मैच में भारतीय टीम का पलड़ा भारी होता हुआ दिख रहा है ।

इंग्लैड जैसी मज़बुत टीम से हार के बाद भी दक्षिण अफ्रिकन टीम के मनोस्थिति में वो बदलाव नहीं आया होगा जैसा मानसिक परिवर्तन बांग्लादेश जैसी टीम से मिली हार के बाद हुआ होगा । खैर इस बीच कप्तान फाफ डुप्लेसी नें अपने टीम के खिलाड़ियों को मानसिक तौर पर मज़बुत रहने का संदेश भी दिया है जो की वाकई टीम के मनोबल को एकत्रित करने के लिए कारगर साबित हो सकता है ।

उधर भारतीय खेमा जोश से लबरेज़ है क्योंकि पिछले कुछ सालों से भारतीय टीम का प्रदर्शन अन्य टीमों के मुकाबले कई गुना बेहतर है । पर इंग्लैड के हालात हमेशा से दुसरे रहें है यहां एशियाई टीमों को हमेशा से ही मशक्कत करनी पडी है ।यहां  बीते कुछ सालों में भारतीय टीम का प्रदर्शन औसत ही रहा है । इंग्लैड में भारतीय टीम के हाल के मुकाबलों के आंक़ड़े खतरे की घंटी साबित हो सकते हैं । साथ ही इतने बड़े टुर्नामेंट में पहले मैच के नर्वसनेस का भी सामना करना पड़ता है ।

भारत और दक्षिण अफ्रिका के बीच हुए पिछले मुकाबले के मद्देनज़र कुलदीप और चहल की जोड़ी दक्षिण अफ्रिकी टीम का सिर दर्द बढा सकते है । भारतीय गेंदबाजों और बल्लेबाजों के मौजुदा फॉर्म और दक्षिण अफ्रिकी टीम की बढती मुश्किलों को देखते हुए कहा जा सकत है भारत का पलड़ा वाकई में भारी है ।

दोनों टीमों के 15 सदस्यों के नाम : - 

भारतीय टीम के 15 खिलाड़ी -
विराट कोहली (कप्तान), शिखर धवन, रोहित शर्मा, के एल राहुल, महेंद्र सिंह धौनी (विकेट-कीपर), हार्दिक पांडया,केदार जाधव, विजय शंकर, कुल्दीप यादव, यज़ुवेंद्र चहल, जस्प्रीत बुमराह, मोहम्म्द शमी, भुवनेश्वर कुमार, दिनेश कार्तिक (विकेट-कीपर), और रवींद्र जडेजा ।

दक्षिण अफ्रिकन टीम के 15 खिलाड़ी - 
फाफ डुप्लेसी, (), क्विंटन डीकॉक (), एडेन मर्करम, हाशिम आमला, जेपी डुमिनी, डेविड मिलर, ब्युरॉन हेंडरिक्स, कागिसो रवाड़ा, ड्वेन प्रिटोरियस, फेलुक्वायो, तबरेज़ शम्सी, इमरान ताहीर, लुंगी एंगीडी, क्रिस मौरिस, रासी वान डेर डुसेन ।

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इन टीमों ने सबसे ज्यादा वन-डे क्रिकेट विश्व कप के उद्घाटन मैच खेले है । Teams who played most inauguration matches of ICC World Cup - Part Two

ICC World Cup 2019 Trophy First Look Picture
ICC World Cup 2019 Trophy First Look

नमस्कार दोस्तों झारखण्ड इंफो में लॉग इन करने का बहुत बहुत शुक्रिया । दोस्तों यह ब्लॉग पोस्ट मेरी पिछ्ली पोस्ट का दुसरा भाग है जिसका शिर्षक नीचे है ।

इन टीमों ने सबसे ज्यादा वन-डे क्रिकेट विश्व कप के उद्घाटन मैच खेले है । Teams who played most inauguration matches of ICC World Cup - Part One - पोस्ट पढने के लिये क्लिक करें ।

वन-डे क्रिकेट वर्ल्ड कप 1999 - इंग्लैंड बनाम श्रीलंका (ICC World Cup 1999 - England VS Sri Lanka)

1999 में आयोजित यहाँ क्रिकेट वर्ल्ड कप टुर्नामेंट बीसवीं सदी का आखरी वर्ल्ड कप था । इसलिये इसे उस देश में आयोजित किया गया जहां क्रिकेट की शुरुआत हुई । इस वर्ल्ड कप में कई बाते खास थीं पर जिस खिलाड़ी ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा वो थे ग़ॉड ऑफ क्रिकेट सचिन तेंदुलकर । जो अपने पिता के देहांत के बाद वापस इंग्लैंड आकर टुर्नामेंट में भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बने, शानदार शतक बना कर अपने पिता को श्र्दांजली दी और अपनी महानता की किताब में एक और पन्ना जोड़ दिया ।

इस विश्व कप का पहला मैच इंग्लैंड और श्रीलंका के बीच खेला गया, जिसे इंग्लैंड ने 8 विकेटों से जीत लिया था । इस मैच के हीरो थे इंग्लैंड के विकेट कीपर  बल्लेबाज़ एलक स्टीवर्ट जिन्होंने विकेट के पीछे तीन कैच पकडे और शानदार 88 रन बनाये ।

टीम ऑस्ट्रेलिया इस टुर्नामेंट के विजेता बने साथ ही वेस्ट-इंडीज़ के दो विश्व कप जीतने के रिकार्ड की बराबरी कर ली, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पाकिस्तान नें इस मैच में अपने सभी विकेट गवां कर सिर्फ 132 रन ही बना सभी जो अब तक के सभी विश्व कप फाइनल में सबसे कम स्कोर का रिकार्ड है ।

वन-डे क्रिकेट वर्ल्ड कप 2003 - दक्षिण अफ्रिका बनाम वेस्ट-इंडीज़  (ICC World Cup 2003 - South Africa VS West Indies)

2003 में युरोप, एशिया और ऑस्ट्रेलिया महादेश के अफ्रिका चौथा महादेश बना जिसने क्रिकेट का वर्ल्ड कप आयोजन किया । टुर्नामेंट के मैंच दक्षिण अफ्रिका सहित जिम्बाब और किनीय में भी कराये गये । इस टुर्नामेंट में 14 टीमों ने हिस्सा लिया जो अब तक सबसे ज्यादा थी ।

इस वर्ल्ड कप सबसे पहला मैच दक्षिण अफ्रिका और वेस्ट-इंडीज़ के बीच हुआ जिसे वेस्ट-इंडीज़  ने मात्र 3 रनों से जीत लिया था ।

इस टुर्नामेंट के सबसे खास बात यह रही की सेमी फाईनल में किनीया की टीम पहंच गयी थी, जहां इस टीम का सामना भारत से हुआ । फाईनल भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया जिसमें ऑस्ट्रेलिया नें भारत को 125 रनों से हराया और सबसे ज्यादा तीन बार विश्व कप जीतने का भी नया विश्व कीर्तिमान स्थापित किया । यह 21वी सदी का पहला विश्व कप टुर्नामेंट था ।

वन-डे क्रिकेट वर्ल्ड कप 2007 - वेस्ट-इंडीज़  बनाम पाकिस्तान  (ICC World Cup 2007 -West Indies VS Pakistan)

2007 में केरेबियाई धरती पर आयोजीत यह विश्व कप कई बड़े उतार चढावों के लिए याद किया जाता है । यह विश्व कप के कुछ मैच टीमों के लिए एक हादसा बन कर आई । जो भारत और पाकिस्तान के लिये तो जैसे एक सदमा सा देकर गयीं । भारत और पाकिस्तान की टीमें इस वर्ल्ड कप में अपने पहले राउंड में टुर्नामेंट से बाहर हो गये । भारत को टुर्नामेंट से बाहर रास्ता बांग्लादेश ने और पाकिस्तान को आयरलैंड ने दिखाया और ट्रेजेडी यही खत्म नही हुई , इस मैच में पाकिस्तान की हार के बाद पाकिस्तान के तत्कालिन कोच बॉब वुल्मर को बड़े रहस्यमयी हालात में होटल के कमरे में मृत पाया गया । जिसकी सच्चाई का पता आज तक नहीं चल पाया ।

इस टुर्नामेंट का पहला मैच वेस्ट-इडीज़ और पाकिस्तान के बीच खेला गया जिसमें वेस्ट-इडीज़  ने पाकिस्तान को 54 रनों से हरा दिया था । इस मैच के हीरो ड्वेन स्मीथ रहे जिन्होनें आलराउंडर प्रदर्शन करते हुए 15 गेंदों मे 32 रन बनाए और 10 ओवरों में मात्र 36 रन देकर 3 विकेट लिए ।

इस वर्ल्ड कप में 16 टीमों ने हिस्सा लिया और कुल मिला कर 51 मैच खेले गये । यह क्रिकेट वर्ल्ड कप के इतिहास में सबसे उबाउ  टुर्नामेंट साबित हुआ जबकि इसमें 2003 के विश्व कप से 3 मैच कम खेल गये थे ।
इस विश्व कप के फाईनल में ऑस्ट्रेलिया का सामना श्री लंका से हुआ जिसे ऑस्ट्रेलिया नें ड्कवर्थ ल्युईस के आधार पर 53 रनों से जीत कर चौथी बार विश्व कप के खिताब को जीता ।

वन-डे क्रिकेट वर्ल्ड कप 2011 - भारत बनाम बांग्लादेश  (ICC World Cup 2011 -India VS Bangladesh)

2011 में विश्व कप का सफर वापस भारतीय सरजमीं पर पहुंचा । इस टुर्नामेंट के कई मैच बांग्लादेश और श्रीलंका में भी कराये गये । आतंकवाद की मार झेल रहे पाकिस्तान को एक भी मैच की मेज़बानी दी गयी । इस विश्व कप टुर्नामेंट में कुल चौदह टीमों नें हिस्सा लिया और 49 मैच खेले गये ।

इस टुर्नामेंट का सबसे पहला मैच भारत और बांग्लादेश के बीच खेला गया । विश्व कप के इतिहास में पहला ऐसा मौका था जब टुर्नामेंट का पहला मैच मेज़बान देशों के बीच हुआ था, इस मैच में वीरेंद्र सहवाग नें बांग्लादेशी गेंदबाज़ो की जिस तरह धुनाई की उसे देख कर साफ लग रहा था कि वो 2007 के विश्व कप में बांग्लादेश के हाथों मिली हार का बदला ले रहे थे, वो भी चुन चुन कर । उन्होनें 140 गेंदों पर 175 रनों की पारी खेली, उनकी बल्लेबाजी इतनी खतरनाक थी की कई लोगों पता ही नहीं है कि इस मैच में विराट कोहली ने भी सैकड़ा लगाया था । बाग्लादेश की इस मैच 87 रनों हार हुई ।

भारत ने 28 सालों के बाद विश्व कप टुर्नामेंट जीता और सचिन तेंदुल्कर का सपना साकार हुआ । इस भारत ने फाईनल मैच में श्रीलंका को चार विकेटों से हराया और साथ ही विश्व के फाईनल में सबसे बड़े लक्ष्य का सफलता पुर्वक पीछा करने का भी रिकार्ड बनाया । इस मैच के हीरो रहे मैजिकल माही जिन्होनें 79 गेंदों पर शानदार 91 रनों की पारी खेली थी । इसके साथ ही भारत विश्व की पहली ऐसी टीम बनी जिसने मेज़बानी करते हुए विश्व कप का खिताब जीता हो ।

वन-डे क्रिकेट वर्ल्ड कप 2015 - श्रीलंका बनाम न्युजीलैंड (ICC World Cup 2015 -Sri Lanka VS New Zealand)

2015 में ऑस्ट्रेलिया ने एक बार फिर विश्व कप की मेज़बानी की यह दुसरा मौका था जब ऑस्ट्रेलिया विश्व कप की मेंज़बानी कर रहा था । इस विश्व कप में पिछ्ली बार की तरह कुल चौदह टीमों ने हिस्सा लिया और कुल 49 मैच खेले गये ।

इस विश्व कप टुर्नामेंट का पहला मैच श्रीलंका और न्युजीलैंड के बीच खेला गया जिसमें न्युजीलैंड ने शानदार प्रदर्शन करते हुए श्रीलंका को 98 रनों विशाल अंतर से हरा दिया था । इस मैच के स्टार परफॉर्मर रहे ऑलराउंडर कोडी एंडर्सन जिन्होनें पहले तो बल्लेबाज़ी में 75 रनों का योगदान दिया और गेदबाजी करते हुए केवल 3 ओवरों 2 विकेट चटका लिए ।

इस टुर्नामेंट का फाईनल ओस्ट्रेलिया और न्युजीलैंड के बीच खेला गया, विश्व कप के इतिहास में दुसरा ऐसा मौका था जब फाईनल की दोनो टीमें मेज़बान थी, इससे पहले 2011 विश्व कप में फाईनल खेल रही दोनो टीमें भारत और श्रीलंका विश्व कप की मेज़बानी कर रहे थे । ऑस्ट्रेलिया ने फाईनल में न्युजीलैंड को हरा कर पांचवी बार विश्व कप पर कब्जा जमा लिया जो एक रिकार्ड है ।

इस प्रकार 1975 से 2015 तक इंग्लैड और न्युजीलैंड ने 4-4 बार, वेस्ट-इंडीज़, भारत और श्रीलंका ने 3-3 बार, पाकिस्तान ने 2 बार और ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफिका, बांग्लादेश ने 1-1 बार विश्व कप का उद्घाटन मैच खेला है ।

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दोस्तो आपको यह पोस्ट कैसा लगा ये कमेंट में लिखना ना भुलें और अगर आप क्रिकेट के फैन हैं तो इस पोस्ट के अपने दोस्तों के साथ शेयर करें । जल्द ही हम वापस लौटेंगे एक नये रोचक पोस्ट के साथ ...ध्न्यवाद !
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इन टीमों ने सबसे ज्यादा वन-डे क्रिकेट विश्व कप के उद्घाटन मैच खेले है । Teams who played most inauguration matches of ICC World Cup - Part One

ICC World Cup 2019 Trophy First Look Picture
ICC World Cup 2019 Trophy First Look
क्रिकेट वर्ल्ड कप 2019 (ICC World Cup 2019) शुरु होने में अब कुछ ही दिन बाकी रह गये है । हर बार की तरह क्रिकेट का रोमांच वर्ल्ड कप के मैचों के दौरान अपने चरम पर होगा । वर्ल्ड कप के 2019 (ICC World Cup 2019) के संस्करण में दस टीमें हिस्सा ले रहीं हैं। इन टीमों के नाम है : - भारत, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, वेस्ट इंडीज़, न्युजीलैंड, श्रीलंका, दक्षिण अफ्रिका, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान । इस वर्ल्ड कप प्रतियोगिता की सबसे खास बात यह है कि हिस्सा के रहीं सभी टीमों ने कम से कम दो टेस्ट मैच खेल चुके हैं ।
क्रिकेट वर्ल्ड कप 2019 में हिस्सा ले रही सभी टीमों के बारे में जानने के लिए यहां क्लिक करें ।
क्रिकेट वर्ल्ड कप 2019 की प्रतियोगिता में सबसे पहला मैच इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रिका के बीच खेला जायेगा जो भारतीय समय के अनुसार 3:00 PM पर शुरू होगा । यह मैच खेला जायेगा द किआ ओवल में जो कि द ओवल के नाम से प्रसिद्धि है ।

क्रिकेट वर्ल्ड कप एक बडी प्रतियोगिता है और इस प्रतियोगिता का पहला यानि उद्घाटन मैच खेलना अपने आप मे एक बड़ी बात है । क्रिकेट वर्ल्ड कप के इतिहास में यह दुसरा मौका है जब दक्षिण अफ्रिका प्रतियोगिता का पहला मैच खेलेगी और इंग्लैंड के लिये यह पाँचवीं बार होगा । अभी तक इंग्लैंड और न्युजीलैंड चार - चार बार विश्वकप प्रतियोगिता में उद्घाटन मैच खेल चुकी है ।

इस मुकाबले के लिये मैदान में उतरने के साथ ही इंग्लैंड सबसे ज्यादा बार वन-डे क्रिकेट वर्ल्ड कप में प्रतियोगिता का उद्घाटन मैच खेलने वाली टीम बन जायेगी ।

आइये जानते है की कौन सी टीमों ने कितनी बार वन-डे क्रिकेट वर्ल्ड कप में प्रतियोगिता का पहला मैच खेल चुकी है ।

वन-डे क्रिकेट वर्ल्ड कप 1975 - इंग्लैंड बनाम भारत (ICC World Cup 1975 - England VS India)

1975 में आयोजित वन-डे क्रिकेट वर्ल्ड कप सीमित ओवर की पहली प्रतियोगिता थी जिसका आयोजन International Cricket Conference (ICC) ने किया था और यह टुर्नामेंट ब्रिटीश मल्टीनेशनल लाईफ इंश्योरेंश कम्पनी 'प्रुडेंशियल' के द्वारा प्रायोजित था । इस टुर्नामेंट में कुल आठ देशों की टीमों ने हिस्सा लिया था । जिनमें तत्कालिन छ: टेस्ट मैच खेलने वाली टीमें जिनके नाम है : - इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, वेस्ट इंडिज़, न्युजीलैंड, भारत और पाकिस्तान शामिल थे और लीडींग एसोसिएट नेशन के तौर पर श्रीलंका और ईस्ट अफ्रिका शामिल थे ।

इस टुर्नामेंट का पहला मैच भारत और इंग्लैड के बीच 7 जुन को लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड में खेला गया था । जिसमें मेजबान टीम ने भारत को 202 रनों के विशाल अंतर से करारी शिकस्त दी थी । इस मैच को इंग्लैंड की जीत से ज्यादा महान भारतीय बल्लेबाज़ सुनील गावास्कर के वन-डे क्रिकेट के इतिहास में खेली गयी सबसे धीमी पारी के लिए याद किया जाता है ।
महान भारतीय बल्लेबाज़ सुनील गावास्कर के द्वारा खेली गयी सबसे धीमी पारी के बारे में जानने के लिए यहां क्लिक करे ।
गौरतलब यह भी है की क्रिकेट का पहला वन-डे मैच 1971 में खेला गया था पर 1971 से 1975 के बीच वन-डे क्रिकेट वर्ल्ड कप से पहले मात्र 18 मैच खेले गये थे । श्री लंका और ईस्ट अफ्रिका ने अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय वन-डे क्रिकेट मैच इसी टुर्नामेंट में खेला था ।

वन-डे क्रिकेट वर्ल्ड कप 1979 - वेस्ट-इंडीज़ बनाम भारत (ICC World Cup 1979 - West Indies VS India)

1979 में आयोजित यह टुर्नामेंट वन-डे क्रिकेट वर्ल्ड कप का दुसरा संस्करण था जो प्रुडेंशियल वर्ल्ड कप 1979 के नाम से जाना जाता है । पहली बार की तरह इस टुर्नामेंट का आयोजन भी इंग्लैंड में किया गया । यहां तक की टुर्नामेंट का फॉर्मेट भी पहली बार के तरह था यानि इस बार भी विश्व की आठ क्रिकेट प्लेईंग नेशन ही इस टुर्नामेंट मे हिस्सा ले रहीं थी । लेकिन जो अंतर था वो ये था कि तत्कालिन छ: टेस्ट मैच खेलने वाली टीमों के अलावा दो अन्य टीमें श्री लंका और कनाडा ICC Trophy 1979 में क्वालीफाई करके आई ।

इस टुर्नामेंट का पहला मैच भारत और वेस्ट इंडीज़ के बीच खेला गया जिसे वेस्ट इंडीज़ ने बड़े ही आराम से जीत लिया था ।

भारत बनाम दक्षिण अफ्रिका विश्वकप 2019 , दक्षिण अफ्रिका के नहीं होंगी राहें आसान । South Africa has to challenge their fate, ICC World Cup 2019

वन-डे क्रिकेट वर्ल्ड कप 1983 - इंग्लैंड बनाम न्युजीलैंड (ICC World Cup 1983 - England VS New Zealand)

1983 में आयोजित यह टुर्नामेंट वन-डे क्रिकेट वर्ल्ड कप का तीसरा संस्करण था और इसे भी प्रुडेंशियल वर्ल्ड कप नाम से जाना गया । इस टुर्नामेंट की सबसे दिल्चस्प बात यह रही की दो बार की चैम्पियन रह चुकी वेस्ट इंडीज़ की टीम इस बार भी फेवरेट मानी जा रही थी, पर भारत ने वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ फाईनल मुकाबले में जीत दर्ज कर विश्व क्रिकेट में अपनी साख का नया परिचय दिया ।

इस वर्ल्ड कप में भी आठ टीमें खेलीं थी, जिनमें तत्कालिन सात टेस्ट मैच खेलने वाली टीमें जिनके नाम है : - इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, वेस्ट इंडिज़, न्युजीलैंड, भारत, पाकिस्तान और श्री लंका शामिल थे और आठवीं टीम के तौर पर जिम्बाब्वे ने पहली बार वन-डे क्रिकेट वर्ल्ड कप में हिस्सा लिया जो Trophy 1979 में क्वालीफाई करके आई थी ।

इस टुर्नामेंट का सबसे पहला मैच इंग्लैड और न्युजीलैंड के बीच खेला गया जिसे इंग्लैड ने 106 रनों के विशाल अंतर से जीत लिया था ।

श्रीलंक़ा को ICC Full Membership कब मिली और इस टीम ने अपना पहला टेस्ट मैच कब खेला जानने के लिये यहां क्लिक करें ।

वन-डे क्रिकेट वर्ल्ड कप 1987 - पाकिस्तान बनाम श्रीलंका (ICC World Cup 1987 - Pakistan VS Sri Lanka)

1987 में आयोजित यह टुर्नामेंट वन-डे क्रिकेट वर्ल्ड कप का चौथा संस्करण था जिसे रिलायंस वर्ल्ड कप के नाम से भी जाना जाता है। इस टुर्नामेंट की सबसे महत्वपुर्ण बात यह थी की भारत करीब 200 सालों तक जिस देश की ग़ुलामी करता रहा, उसी देश से वन-डे क्रिकेट वर्ल्ड कप की मेज़बानी छीन कर अपने देश में सफल आयोजन कराया । आज़ाद भारत का यह कदम खेल जगत में काफि प्रेरणादायक था और एक बात जो काफि रोचक थी की पहली बार वर्ल्ड कप के सभी मैच 60 ओवरों की जगह 50 ओवरों प्रति पारी के थे । पाकिस्तान भी इस वर्ल्ड कप का सह-आयोजक था ।

1987 वन-डे क्रिकेट वर्ल्ड कप के सभी मैच 60 ओवरों की जगह 50 ओवरों के क्यों थे ? जानने के लिए यहां क्लिक करें ।

इस वर्ल्ड कप में भी आठ टीमें खेलीं थी, जिनमें तत्कालिन सात टेस्ट मैच खेलने वाली टीमें जिनके नाम है : - इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, वेस्ट इंडिज़, न्युजीलैंड, भारत, पाकिस्तान और श्री लंका शामिल थे और आठवीं टीम के तौर पर जिम्बाब्वे ने एक बार फिर वर्ल्ड कप में हिस्सा लिया जो Trophy 1986 में क्वालीफाई करके आई थी ।
इस टुर्नामेंट का पहला मुकाबला पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच पाकिस्तान स्थित हैदराबाद में खेला गया जिसे पाकिस्तान ने 15 रनों से जीता था । इस मैच हीरो जावेद मियांदाद रहे जिन्होंने 103 रनों की तेज शतकिय पारी खेली थी ।

वन-डे क्रिकेट वर्ल्ड कप 1992 - ऑस्ट्रेलिया और न्युजीलैंड (ICC World Cup 1992 - Australia Vs New Zealand)

1992 में आयोजित यह टुर्नामेंट वन-डे क्रिकेट वर्ल्ड कप का पाँचवा संस्करण था जिसे बेंसन एंड हेजेस वर्ल्ड कप के नाम से जाना जाता है और इसका आयोजन ऑस्ट्रेलिया और न्युजीलैंड ने मिल कर कराया था । इस वर्ल्ड कप के दौरान कई बातें ऐसीं हुईं जो पहली बार थी इस वर्ल्ड कप प्रतियोगिता को कई नई चीज़ों के लिये याद रखा गया । जैसे की वर्ल्ड कप में पहली डे-नाईट मैच कराए गये और सारे मैच लाल गेंद की जगह सफेद गेंद के साथ खेले गये और सफेद कपड़ों की जगह रंगीन कपड़ों में खेले गये ।

इसी विश्वकप के एक मैच में सचिन तेंदुल्कर को थर्ड अम्पायर के फैसले से रन आउट दिया गया जो क्रिकेट इतिहास में पहली बार था और इसी विश्वकप में शुरु हुई भारत और पाकिस्तान के बीच चीर प्रतिद्वन्दीता जिसे आज तक केवल भारत जीतता आ रहा है ।

इस विश्व कप के पहला मैच ऑस्ट्रेलिया और न्युजीलैंड के बीच खेला गया जिसे न्युजीलैंड ने 37 रनों से जीत लिया था । न्युजीलैंड ने पुरे टुर्नामेंट लीग मैचों के दौरान आश्चर्यजनक प्रदर्शन किया और अपने सभी आठ मुकाबलों मे से सात मुकाबले जीत लिये थे ।

सचिन तेंदुल्कर और जोंटी रोह्ड्स के करिश्माई रन आउट के लिए यहाँ क्लिक करें ।

वन-डे क्रिकेट वर्ल्ड कप 1996 - इंग्लैंड बनाम न्युजीलैंड (ICC World Cup 1996 - England VS New Zealand)

1996 में आयोजित यह टुर्नामेंट वन-डे क्रिकेट वर्ल्ड कप का छ्ठा संस्करण था जिसे विल्स वर्ल्ड कप के नाम से जाना जाता है, इस विश्व कप आयोजन भारत में हुआ, पाकिस्तान और श्रीलंका सह-आयोजक थे । इस वर्ल्ड कप को भारत और श्रीलंका के बीच हुए सेमीफाईनल मैच के लिये याद रखा जायेगा । इस मैच में दुसरी पारी के खत्म हुए बिना ही श्रीलंका को विजेता घोषित कर दिया गया था ।
भारत और श्रीलंका के बीच हुए सेमीफाईनल मैच में दुसरी पारी के खत्म हुए बिना ही श्रीलंका को विजेता घोषित कर दिया गया था जानने के लिए यहां क्लिक करें ।
इस विश्व कप का पहला मैच इंग्लैंड और न्युजीलैंड के बीच खेला गया, जिसे न्युजीलैंड ने 11 रनों से जीत लिया था । इस मैच के हीरो न्युजीलैंड के सलामी बल्लेबाज़ नेथन एस्टल रहे जिन्होनें शानदार 101 रनों की पारी खेली थी । यहाँ ऐसा दुसरा मौका था जब इंग्लैंड और न्युजीलैंड विश्व कप का उद्धाटन मैच खेल रहे थे ।

इस विश्वकप में श्रीलंका की टीम विजेता बन कर उभरी और विश्वकप जीतने वाली एशिया की तीसरी और विश्व की पाँचवीं टीम बनी ।

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धरती ने नीचे लगी आग जो सौ साल से ज्यादा पुरानी है और इसे बुझाना नामुमकिन है ।

परिचय

आप सभी ने वो कहावत तो जरुर ही सुनी होगी कि दीपक के तले अंधेरा होता है । खुद जलता हुआ दीपक जो की संसार को अपने प्रकाश से प्रज्ज्वलित करता है, उसके अपने ही तल में अंधेरा होता है । धनबाद जो सन् 2016 में भारत स्वच्छ सर्वेक्षण के 72 स्वच्छ शहरों की लिस्ट में सबसे निचले क्रम पर आया था और इतना ही नहीं इस शहर को भारत का सबसे ज्यादा गंदगी वाला शहर कहा गया, पर ज़रा रुकिये ज़नाब इस शहर का एक दुसरा पहलु भी है , इसी शहर में एशिया का दुसरा सबसे बड़ा माईंनिग इंस्चीच्युट स्थापित है जो इस शहर या अपने राज्य का ही नहीं बल्कि संपुर्ण भारत का गौरव है । इसी शहर में एशिया का सबसे बड़ा श्रमिक कॉलोनी है जिसके सबुत आपको वीकिपीडिया जैसे इंफोर्मश शेयरिंग साईट्स पर भी मिल जाएंगे । तो चलिये दोस्तों जानते है कुछ महत्वपुर्ण बातें वन एंड ऑन्लि द कोल कपिट्ल ऑफ इण्डिया के बारे में ।



जलते हुए उस दीपक की तरह कुछ हालत है भारत के झारखण्ड राज्य में स्थित धनबाद शहर की । धनबाद शहर जो धनबाद जिले का प्रमुख शहरी क्षेत्र है, जिसे भारत की कोयला राज़धानी के नाम से ज़ाना ज़ाता है, यह नाम, जो की निश्चीत ही काफी है इस स्थान की महत्ता को अभिव्यक्त करने के लिए । 'धनबाद' शब्द का विच्छेद किया जाये तो इस स्थान के नाम का शाब्दिक अर्थ भी मिल जाता है । धन का अर्थ है सम्पति तथा बाद का मतलब है स्थान यानि के सम्पति से आबाद एक स्थान - धनबाद । धन से आबाद इस जिले का असली धन इस की धरती के नीचे छुपा है जो सालों से उद्योगपतियों और व्यवसाईयों को अपनी ओर आकर्षित करता रहा है और वह धन है कोयला । वही कोयला जिसे ब्लैक डाय़मंड भी कहा जाता है ।

 कोयला धनबाद की धरती को प्राकृतिक सम्पदा के रुप में मिली है और यही कारण है की धनबाद को केवल भारत में नहीं बल्कि पुरे विश्व में ख्याति प्राप्त है । धनबाद शहर झारख़ण्ड राज्य के सबसे प्रमुख शहरों से एक है । यही वजह है कि धनबाद झारखण्ड का दुसरा सबसे ज्यादा और भारत का 42वाँ सबसे ज्यादा आबादी वाला शहर है । एक समय में धनबाद में स्थित भुली नामक स्थान एशिया का सबसे बड़ा श्रमिक कोलॉनी (Asia biggest Labour Colony) हुआ करता था ।

भौगोलिक विवरण

धनबाद जिले का कुल क्षेत्र 2886 वर्ग कि0मी0 है और यह जिला झारखण्ड राज्य के उत्तर-पुर्वी भाग में छोटा नागपुर के पठार पर अवस्थित है । आक्षांश 23.795399 डीग्री और देशांतर 86.427040 डीग्री इसके भौगोलिक निर्देशांक यानि के Geographical Co-ordinates हैं । वर्तमान समय में धनबाद जिले कि सीमाएं झारखण्ड राज्य के चार अन्य जिलों को और पश्चिम बंगाल राज्य की सीमाओं छुती हैं । उत्तर-पुर्व में जामताड़ा, उत्तर-पश्चिम में गिरिडीह, दक्षिण-पश्चिम में बोकारो और पुर्व एवं दक्षिण-पुर्व में पश्चिम बंगाल की सीमाएं धनबाद ज़िले की सीमाओं से मिलती है । धनबाद शहर मुख्यत: अपने कोयले की खानों के लिए मशहुर है । कोयले की खदानें धनबाद की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है । यहां की कोयले की खानों का संचालन BCCL नाम की कम्पनी के द्वारा किया जाता है । BCCL यानि के भारत कोकिंग कोल लिमिटेड । BCCL कोल इंडिया लिमिटेड नाम की कम्पनी के सहायक इकाई है जिसका हेड क्वाटर धनबाद में है ।

यह तो था धनबाद जिले के भौगोलिक और व्यवसायिक ढाँचे का एक छोटा सा परिचय । पर धनबाद के धरती के नीचे केवल कोयला ही नहीं है । कोयले के साथ साथ धनबाद के गर्भ में एक ऐसा दैत्य भी पल रहा है जो धनबाद के लिए एक बुरे सपने से कम नहीं है और यह केवल धनबादवासियों के लिए ही नहीं बल्कि विश्व के कई देशों के भुगोल शास्त्रियों, वैज्ञानिकों और इंजीनियर्स के लिए भी एक चुनौती है । वह दैत्य है धनबाद की धरती के नीचे धधकती आग, जो एक सदी से धनबाद की धरती को निंगलती जा रही है । यहां इसी आग की वजह से जमीन के धँसने की घटना अब आम बात हो गयी । कई परिवार इस आग का शिकार हो कर ज़मीन दोज़ हो गये हैं । पर हमारे पास इस विशाल प्राकृतिक आपदा के सामने घुटने टेकने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है ।


प्रशासकिया विवरण

धनबाद शहर धनबाद ज़िले का मुख्यालय भी है । धनबाद में एक सब-डीवीज़न है और संम्पुर्ण ज़िला 10 ब्लॉक्स में विभाजित है ।

इन ब्लॉक्स के नाम है - धनबाद, बाघमारा, निरसा, तोपचांची, टुंडी, पुर्वी टुंडी, ग़ोविंदपुर, बलियापुर, एगारकुंड और कलियासोल ।

ज़िले में 9 राजस्व निरिक्षक वृत्त यानि Revenue Inspector Circle भी है उनके नाम है - धनबाद, झरिया, बाघमारा, निरसा, तोपचांची, टुंडी, पुर्वी टुंडी, ग़ोविंदपुर और बलियापुर ।

ज़िले के 9 राजस्व निरिक्षक वृत्तों में कुल 1348 मौजा है ।

पुराने गैजेटर के अनुसार धनबाद में 383 पंचायत थे पर अब नये गैज़ेटर के अनुसार केवल 256 पंचायत है । इन पंचायतों के अंतर्गत 1209 गांव बसे हैं । जनसांख्यिकी सन् 2011 के जनगणना के अनुसार धनबाद की कुल आबादी लगभग 26,84,847 के करीब है और जनसंख्या का धनत्व 1316 व्यक्ति प्रति वर्ग कि0मी0 है । पुरुषों की संख्या लगभग 14,05,956 और महिलाओं की संख्या 12,78,531 आस-पास है । हज़ार पुरुषों के मुकाबले महिला का अनुपात 909 का है पर बच्चों में लिंग अनुपात के आंकडे इससे बेहतर है, यहां प्रत्येक 1000 लड़कों में 916 लड़्कियां है ।

धनबाद की आबादी झारखण्ड राज्य की कुल आबादी का 8.14% है पर यहां एक निराशजनक तथ्य भी है धनबाद की कुल आबादी में 420 परिवार के लगभग 1525 लोगों सिर पर छत नहीं है यानि के वे सभी बेघर है या यह कहे कि वे सभी अपनी जिंदगी सड़क पर गुज़ार रहे है ।

इतिहास

धनबाद पहले मानभुम ज़िले का एक हिस्सा था और मानभुम ब्रिटिश साम्राज्य के दौरान ईस्ट इण्डिया यानि के पश्चिम बंगाल का एक ज़िला हुआ करता था, 1928 में इसे पुलिस जिला बनाया । यदि इस दृष्टिकोण से देखा जाये तो यह बात भी समझ में आती है कि बिहार और झारखण्ड का हिस्सा होते हुए भी धनबाद पर पश्चिम बगांल का इतना ज्यादा प्रभाव क्यों है ? क्या कभी आपने सोचा है कि पुरे बिहार और झारखण्ड के सभी शहरों के Telephone STD Code 06 से शुरु होते है सिर्फ धनबाद को छोड़ कर । धनबाद शहर का Telephone STD Code 0326 है और यह 03 से शुरु होता है जैसे कि पश्चिम बगांल के शहरों में होता है ।

समय में थोडा और पीछे जाते है, क्या आपको पता है कि भारत में टेलिफोन की शुरुआत कब हुई थी ? यदि नहीं तो हम बताते हैं दोस्तों इसके पीछे की कहानी बहुत ही लम्बी है पर In Short 28 ज़नवरी 1882 के दिन को भारत के टेलीफोन के इतिहास में रेड लेटर डे यानि की शुभारंभ दिवस माना जाता है । उस समय भारत के चार प्रदेशों बम्बई, कलकत्ता, मद्रास और अहमदाबाद में टेलेफोन एक्स्चेंज की स्थापना की गयी थी । पर STD Code Concept का आते आते आधी सदी से ज्यादा का वक्त बीत गया था, जब भारत में पहले Tier-1 शहरों के STD Code निर्धारित किये गये तब धनबाद तो क्या पुरा नॉर्थ ईस्ट पश्चिम बगांल का हिस्सा हुआ करता था । उस समय 11 दिल्ली, 22 बम्बई, 33 पश्चिम बगांल और 44 मद्रास के STD Code निर्धारित किये गये ।

26 अक्टुबर 1956 को धनबाद मानभुम से अलग होकर एक ज़िले के रुप में गठित हुआ और यह बिहार का हिस्सा बन गया । पर STD Code के बदलने से संचार व्यवस्था में कई परेशानियां बढ़ सकती थी इसीलिए STD Code जैसे का तैसा ही रहने दिया गया । धनबाद के अलावा नॉर्थ ईस्ट रिज़न के लगभग सभी शहरों के STD Code 03 से शुरु होते हैं ।

वर्तमान समय की तुलना में उस समय धनबाद जिले का विस्तार उत्तर से दक्षिण में 43 मील और पुर्व से पश्चिम में 47 मील अधिक हुआ करती थी । 1971 के बाद बिहार के सभी ज़िलों को पुनर्व्यवस्थित किया गया उस समय भी धनबाद पर कोई असर नहीं पड़ा पर 1991 में धनबाद के चास सब-डिवीज़न को और गिरिडिह के बेरमो सब-डिवीजन को अलग करके बोकारो जिले निर्माण किया गया । जिसके दौरान धनबाद ज़िले से 2995 वर्ग कि0मी0 का क्षेत्र अलग हो गया ।




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भारतीय क्रिकेट टीम को विदेशी धरती पर पहली ज़ीत दिलाने वाले टेस्ट क्रिकेटर, कप्तान नहीं रहें । Ajit Wadekar Declared dead on 72nd Independence Day

मशहुर भारतीय क्रिकेटर और भारतीय टेस्ट टीम के पुर्व कप्तान श्री अजीत वाडेक़र जी का दिनांक 15 अगस्त 2018 को मुम्बई के जसलोक हॉस्पीटल में देहांत हो गया, वो काफि समय से बीमार चल रहे थे । जब उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो उन्हें मुम्बई के जसलोक हॉस्पीटल लाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया ।



अजीत वाडेक़र भारतीय क्रिकेटर थे और भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान रह चुके थे । वो आक्रमक शैली के बल्लेबाज़ थे । उनका जन्म 1 अप्रैल 1941 को महाराष्ट्र राज्य बॉम्बे शहर में हुआ जो आज मुम्बई के नाम से जाना जाता है ।

बायें हाथ के इस बल्लेबाज़ ने अपने 8 साल के क्रिकेट करियर में 37 टेस्ट मैचों की 71 पारियों में 2113 रन बनाये । उनकी बल्लेबाजी का औसत 31.07 का रहा, जिसमें उन्होंने 14 अर्धशतक, 1 शतक बनाये, साथ ही क्षेत्र रक्षण में उन्होनें 46 कैच भी पकड़े ।

अजीत वाडेक़र भारतीय वनडे क्रिकेट टीम के सबसे पहले कप्तान भी बने । उन्होनें केवल दो मैच खेले जिसमें 1एक अर्धशतक के साथ 73 रन बनाये ।

अजीत वाडेकर ने अपना पहला टेस्ट मैच 13 दिसम्बर 1966 को वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ मुम्बई में खेला । जिसमें उन्होनें पहली पारी में 8 और दुसरी पारे में 4 रनों का योगदान दिया था ।

सन् 1971 में उन्हें भारतीय टेस्ट टीम का कप्तान बनाया गया । वह मशहुर तब हुए जब उन्होनें वेस्ट इंडीज़ और इंग्लैड के खिलाफ उन्हीं की धरती पर जीत दर्ज़ करने वाले भारत के पहले कप्तान बनें ।

भारतीय टीम ने वेस्ट इंडीज़ में वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ अजीत वाडेकर की अगुवाई में अपनी पहली विदेशी जीत दर्ज की जो आज भी भारतीय क्रिकेट के इतिहास में फाइनेस्ट ऑवर के नाम से जाता है ।



वाडेकर 1990 में भारतीय टीम के मैनेजर के रुप में नियुक्त किये गये । उस समय भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी मोहम्म्द अजहरुद्दीन के हाथों में थी,  वह ऐसे गिने चुने क्रिकेटरों मे से एक हैं जिन्होनें भारतीय क्रिकेट टीम को एक खिलाड़ी, कप्तान, टीम मैनेजर, कोच और टीम के चीफ सेलेक्टर के रूप में अपनी सेवा दी है ।



वाडेकर को सन् 1967 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया और फिर सन् 1972 में उन्हें देश चौथे सर्वश्रेष्ठ नागरिक सम्मान पद्मश्री से नवाज़ा गया । उन्हें सी0के0 नायडु लाईफ टाईम अर्चीवमेंट पुरस्कार से भी नवाज़ा जा चुका है ।

उनके मरणोपरांत भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने स्वंय ट्वीट करके खेद जताया और लिखा की अजीत वाडेकर का क्रिकेट में योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा, एक महान बल्लेबाज और एक अत्युत्तम कप्तान जिनकी अगुवाई में भारतीय क्रिकेट की कई एतिहासिक और यादगार जीत शामिल हैं, वे क्रिकेट के एडमिनिस्ट्रेटर के रुप में भी काफि प्रभावशाली रहे, उनके निधन से हमें पीड़ा हुई है ।




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क़्यों नहीं समझ पाये थे सदी के महानायक अमिताभ बच्च्न Avengers : Infinity War की कहानी ।

Avenger : Infinity War




हाल ही में बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने शोशल मीडिया साईट ट्वीटर के माध्यम से कहा था कि Avengers : Infinity War फिल्म में उन्हें कुछ समझ में नहीं आया और इस ट्वीट के बाद अमिताभ बच्चन के कई फोलोअर्स ने उन्हें नसीहत दे डाली | नीचे उनकी ट्वीट का स्नैप दिया गया है ।

Amitabh Bachchan Twit


यदि आपके साथ भी ऐसा है तो इस पोस्ट को आगे ज़रुर पढ़ें और जाने Avengers : Infinity War के सभी किरदारों के बारे में की वो फिल्म में क्यों है ?

इससे पहले कि हम आगे बढ़ें, पहले जानते है की वास्तव में Avengers : Infinity War की कहानी क्या है ?
Avengers : Infinity War एक अमेरिकी फिल्म है जो मार्वेल कॉमिक्स के सुपर हीरोज़ पर आधारित है । फिल्म का निर्माण मार्वेल स्टुडियोज़ ने किया है और इसके वितरण के अधिकार वाल्ट डिज़्नी स्टुडियो मोशन पिक्चर्स के पास सुरक्षित है ।

Infinity War, Avengers सीरिज़ की तीसरी फिल्म है । इससे पहले 2012 में The Avengers और 2015 में Avengers : Age of Ultron आई थी । मज़ेदार बात तो यह है कि Avengers : Age of Ultron के प्रदर्शन के पहले ही 2014 में Avengers : Infinity War की घोषणा कर दी गई थी ।

यह अब तक बनाई गयी सबसे महंगी फिल्मों से एक है और इसका अनुमानित बजट लगभग 320 मिलियन डॉलर का है यानि 68 रू प्रति डॉलर के हिसाब से 21 अरब 76 करोड़ रू लगभग । इस फिल्म की कमाई की बात करें तो मात्र 11 दिनों में 1 बिलियन डॉलर के विश्वव्यापी सकल तक पहुंचकर यह इतिहास में ऐसा करने वाली सबसे तेज़ फिल्म बन गयी है ।

गैंग्स ऑफ वासेपुर के निर्माता अनुराग कश्यप ने हाल में एक साक्ष्त्कार में कहा था कि यदि हम बॉलीवुड के एक साल में बनने वाली सभी फिल्मों का बजट सिर्फ एक फिल्म में लगा दें तो भी Avengers : Infinity War जैसी फिल्म नहीं बना सकते है ।

Avengers : Infinity War - क्या है कहानी ?
'थैनॉस' टाईटन ग्रहवासी है जो अंतरिक्ष का सर्वशक्तिशाली तानाशाह है जिसका मानना है कि ब्रह्मांड की जनसंख्या में लगातार हो रही वृद्धि एक दिन पुरे ब्रह्मांड के सर्वनाश का कारण बन सकती है क्योंकि टाईटन ग्रह का विनाश भी जनसंख्या में लगातार हो रही वृद्धि के कारण हो गया था और अब वह दोबारा ऐसा नहीं होने देना चाहता है ।

उसकी सोच है कि यदि ब्रह्मांड की आधी जनसंख्या का विनाश कर दिया जाये तो ब्रह्मांड में संतुलन एक बार फिर से कायम हो जायेगा । लेकिन उसे अपनी सोच को वास्तविकता पर लागु करने के लिए छ: अनंतमणियों (Infinity Stones) की शक्ति चाहिए जिसे वह किसी भी किमत पर हासिल करना चाहता है ।

ज़ैन्डार ग्रह का विनाश कर वहां से 'शक्ति मणि' का अधिग्रहण करने के बाद थैनॉस एसगार्ड के विनाश के बचे हुए लोगों से भरे ज़हाज़ पर हमला करता है और टेसेरेक्ट क्युब में छीपे 'अंतरिक्ष मणि' को हासिल करने के लिए थॉर, लोकी, हेमडॉल और ह्ल्क से लड़ता है जिसमें वो सफल हो जाता है, इस संघर्ष में थॉर के भाई लॉकी मृत्यु को प्राप्त हो जाते है ।

थैनॉस अंतरिक्ष में 'नोवेयर' नामक स्थान से 'वास्तविकता मणि' को अपने कब्जे में कर लेता है तथा अपनी  बेटी "गमोरा" को बंदी बना कर वोर्मिर नामक गृह को चला जाता है जहां वह अपनी प्राणों से प्यारी बेटी "गमोरा" की बलि चढा कर 'आत्मा मणि' हासिल कर लेता है क्योंकि इस मणि को हासिल करने सिर्फ एक ही रास्ता था कि इस मणि को पाने के लिए अपनी सबसे प्यारी चीज़ की आहुती देनी होती है ।

इसके बाद एवेंजर सुपर हिरोज़ और थैनॉस के बीच एक के बाद एक कई संघर्ष होते है जिसमें थैनॉस डॉक्टर स्ट्रेंज से घायल आयरन मैन यानि टोनी स्टार्क की जिंदगी का सौदा करके 'समय मणि' हासिल करता है ।
और अंत में अफ्रिका में उत्कृष्ट टेक्नॉलॉजी से लैस एक गुप्त साम्राज्य वकाण्डा से 'स्मृति मणि' को हासिल कर लेता है । सभी मणियों से मिली शक्ति के कारण थैनॉस के चुटकी बजाते ही पुरे ब्रह्मांड की आधी जनसंख्या समाप्त हो जाती है और साथ ही दुनिया भर के आधे एवेंजर सुपर हीरो भी खत्म हो जाते है । आगे की कहानी फिल्म के अगले भाग में होगी जो 2019 मे प्रदर्शित होने वाली है ।

मार्वेल के आधे एवेंजर सुपर हीरो के ख्त्म हो जाने से पुरे विश्व सिनेमा जगत में वैसा ही सवाल खड़ा हो गया है, जैसे भारत में बाहुबली फिल्म में कटप्पा द्वारा बाहुबली के मारे जाने पर हुआ था । हां अब सवाल ये है कि डॉक्टर स्ट्रेंज ने थैनॉस से समय मणि के बदले  आयरन मैन की जिंदगी का सौदा क्यों किया ?

Avengers : Infinity War की कहानी को समझने के लिए कुल मिला 10 फिल्म देखनी होगी जो जिसके नाम और सभी मणियों की व्याख्या नीचे की चित्र में दी गयी है ।

Details of Infinity Stone


मरने वाले सुपर हीरोज़ में ब्लैक पैंथर, क्लिंट बार्टन, वांडा मैक्सीमॉफ, ब्लैक वीडो, गमोरा, शुरी, ग़्रूट, ड्रैक्स, रॉकेट रैकुन, स्पाईडर मैन, डॉक्टर स्ट्रेंज, बुकी बार्नेस, स्टार लॉर्ड, लॉकी, नेब्युला और विज़न होते है ।
फिल्म यही समाप्त हो जाती है और उम्मीद है अगले साल 2019 में Avengers : Infinity War दुसरा भाग प्रदर्शित होगा ।

यही वजह जिसके कारण सदी के महानायक अमिताभ बच्च्न को यह फिल्म नहीं समझ में आई ।

यदि आपने Avengers : Infinity War देखी है, तो कमेंट बॉक्स में जरुर लिखें की आपको फिल्म में सबसे अच्छी बात क्या लगी । क्या हमारे देश में भी सुपर हीरोज़ के टीम पर फिल्म बननी चाहिए, अपनी राय जरुर दें ।
आपको यह पोस्ट आपको कैसी लगी कमेंट बॉक्स में जरुर लिखें । धन्यवाद !

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