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धरती ने नीचे लगी आग जो सौ साल से ज्यादा पुरानी है और इसे बुझाना नामुमकिन है ।

परिचय

आप सभी ने वो कहावत तो जरुर ही सुनी होगी कि दीपक के तले अंधेरा होता है । खुद जलता हुआ दीपक जो की संसार को अपने प्रकाश से प्रज्ज्वलित करता है, उसके अपने ही तल में अंधेरा होता है । धनबाद जो सन् 2016 में भारत स्वच्छ सर्वेक्षण के 72 स्वच्छ शहरों की लिस्ट में सबसे निचले क्रम पर आया था और इतना ही नहीं इस शहर को भारत का सबसे ज्यादा गंदगी वाला शहर कहा गया, पर ज़रा रुकिये ज़नाब इस शहर का एक दुसरा पहलु भी है , इसी शहर में एशिया का दुसरा सबसे बड़ा माईंनिग इंस्चीच्युट स्थापित है जो इस शहर या अपने राज्य का ही नहीं बल्कि संपुर्ण भारत का गौरव है । इसी शहर में एशिया का सबसे बड़ा श्रमिक कॉलोनी है जिसके सबुत आपको वीकिपीडिया जैसे इंफोर्मश शेयरिंग साईट्स पर भी मिल जाएंगे । तो चलिये दोस्तों जानते है कुछ महत्वपुर्ण बातें वन एंड ऑन्लि द कोल कपिट्ल ऑफ इण्डिया के बारे में ।



जलते हुए उस दीपक की तरह कुछ हालत है भारत के झारखण्ड राज्य में स्थित धनबाद शहर की । धनबाद शहर जो धनबाद जिले का प्रमुख शहरी क्षेत्र है, जिसे भारत की कोयला राज़धानी के नाम से ज़ाना ज़ाता है, यह नाम, जो की निश्चीत ही काफी है इस स्थान की महत्ता को अभिव्यक्त करने के लिए । 'धनबाद' शब्द का विच्छेद किया जाये तो इस स्थान के नाम का शाब्दिक अर्थ भी मिल जाता है । धन का अर्थ है सम्पति तथा बाद का मतलब है स्थान यानि के सम्पति से आबाद एक स्थान - धनबाद । धन से आबाद इस जिले का असली धन इस की धरती के नीचे छुपा है जो सालों से उद्योगपतियों और व्यवसाईयों को अपनी ओर आकर्षित करता रहा है और वह धन है कोयला । वही कोयला जिसे ब्लैक डाय़मंड भी कहा जाता है ।

 कोयला धनबाद की धरती को प्राकृतिक सम्पदा के रुप में मिली है और यही कारण है की धनबाद को केवल भारत में नहीं बल्कि पुरे विश्व में ख्याति प्राप्त है । धनबाद शहर झारख़ण्ड राज्य के सबसे प्रमुख शहरों से एक है । यही वजह है कि धनबाद झारखण्ड का दुसरा सबसे ज्यादा और भारत का 42वाँ सबसे ज्यादा आबादी वाला शहर है । एक समय में धनबाद में स्थित भुली नामक स्थान एशिया का सबसे बड़ा श्रमिक कोलॉनी (Asia biggest Labour Colony) हुआ करता था ।

भौगोलिक विवरण

धनबाद जिले का कुल क्षेत्र 2886 वर्ग कि0मी0 है और यह जिला झारखण्ड राज्य के उत्तर-पुर्वी भाग में छोटा नागपुर के पठार पर अवस्थित है । आक्षांश 23.795399 डीग्री और देशांतर 86.427040 डीग्री इसके भौगोलिक निर्देशांक यानि के Geographical Co-ordinates हैं । वर्तमान समय में धनबाद जिले कि सीमाएं झारखण्ड राज्य के चार अन्य जिलों को और पश्चिम बंगाल राज्य की सीमाओं छुती हैं । उत्तर-पुर्व में जामताड़ा, उत्तर-पश्चिम में गिरिडीह, दक्षिण-पश्चिम में बोकारो और पुर्व एवं दक्षिण-पुर्व में पश्चिम बंगाल की सीमाएं धनबाद ज़िले की सीमाओं से मिलती है । धनबाद शहर मुख्यत: अपने कोयले की खानों के लिए मशहुर है । कोयले की खदानें धनबाद की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है । यहां की कोयले की खानों का संचालन BCCL नाम की कम्पनी के द्वारा किया जाता है । BCCL यानि के भारत कोकिंग कोल लिमिटेड । BCCL कोल इंडिया लिमिटेड नाम की कम्पनी के सहायक इकाई है जिसका हेड क्वाटर धनबाद में है ।

यह तो था धनबाद जिले के भौगोलिक और व्यवसायिक ढाँचे का एक छोटा सा परिचय । पर धनबाद के धरती के नीचे केवल कोयला ही नहीं है । कोयले के साथ साथ धनबाद के गर्भ में एक ऐसा दैत्य भी पल रहा है जो धनबाद के लिए एक बुरे सपने से कम नहीं है और यह केवल धनबादवासियों के लिए ही नहीं बल्कि विश्व के कई देशों के भुगोल शास्त्रियों, वैज्ञानिकों और इंजीनियर्स के लिए भी एक चुनौती है । वह दैत्य है धनबाद की धरती के नीचे धधकती आग, जो एक सदी से धनबाद की धरती को निंगलती जा रही है । यहां इसी आग की वजह से जमीन के धँसने की घटना अब आम बात हो गयी । कई परिवार इस आग का शिकार हो कर ज़मीन दोज़ हो गये हैं । पर हमारे पास इस विशाल प्राकृतिक आपदा के सामने घुटने टेकने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है ।


प्रशासकिया विवरण

धनबाद शहर धनबाद ज़िले का मुख्यालय भी है । धनबाद में एक सब-डीवीज़न है और संम्पुर्ण ज़िला 10 ब्लॉक्स में विभाजित है ।

इन ब्लॉक्स के नाम है - धनबाद, बाघमारा, निरसा, तोपचांची, टुंडी, पुर्वी टुंडी, ग़ोविंदपुर, बलियापुर, एगारकुंड और कलियासोल ।

ज़िले में 9 राजस्व निरिक्षक वृत्त यानि Revenue Inspector Circle भी है उनके नाम है - धनबाद, झरिया, बाघमारा, निरसा, तोपचांची, टुंडी, पुर्वी टुंडी, ग़ोविंदपुर और बलियापुर ।

ज़िले के 9 राजस्व निरिक्षक वृत्तों में कुल 1348 मौजा है ।

पुराने गैजेटर के अनुसार धनबाद में 383 पंचायत थे पर अब नये गैज़ेटर के अनुसार केवल 256 पंचायत है । इन पंचायतों के अंतर्गत 1209 गांव बसे हैं । जनसांख्यिकी सन् 2011 के जनगणना के अनुसार धनबाद की कुल आबादी लगभग 26,84,847 के करीब है और जनसंख्या का धनत्व 1316 व्यक्ति प्रति वर्ग कि0मी0 है । पुरुषों की संख्या लगभग 14,05,956 और महिलाओं की संख्या 12,78,531 आस-पास है । हज़ार पुरुषों के मुकाबले महिला का अनुपात 909 का है पर बच्चों में लिंग अनुपात के आंकडे इससे बेहतर है, यहां प्रत्येक 1000 लड़कों में 916 लड़्कियां है ।

धनबाद की आबादी झारखण्ड राज्य की कुल आबादी का 8.14% है पर यहां एक निराशजनक तथ्य भी है धनबाद की कुल आबादी में 420 परिवार के लगभग 1525 लोगों सिर पर छत नहीं है यानि के वे सभी बेघर है या यह कहे कि वे सभी अपनी जिंदगी सड़क पर गुज़ार रहे है ।

इतिहास

धनबाद पहले मानभुम ज़िले का एक हिस्सा था और मानभुम ब्रिटिश साम्राज्य के दौरान ईस्ट इण्डिया यानि के पश्चिम बंगाल का एक ज़िला हुआ करता था, 1928 में इसे पुलिस जिला बनाया । यदि इस दृष्टिकोण से देखा जाये तो यह बात भी समझ में आती है कि बिहार और झारखण्ड का हिस्सा होते हुए भी धनबाद पर पश्चिम बगांल का इतना ज्यादा प्रभाव क्यों है ? क्या कभी आपने सोचा है कि पुरे बिहार और झारखण्ड के सभी शहरों के Telephone STD Code 06 से शुरु होते है सिर्फ धनबाद को छोड़ कर । धनबाद शहर का Telephone STD Code 0326 है और यह 03 से शुरु होता है जैसे कि पश्चिम बगांल के शहरों में होता है ।

समय में थोडा और पीछे जाते है, क्या आपको पता है कि भारत में टेलिफोन की शुरुआत कब हुई थी ? यदि नहीं तो हम बताते हैं दोस्तों इसके पीछे की कहानी बहुत ही लम्बी है पर In Short 28 ज़नवरी 1882 के दिन को भारत के टेलीफोन के इतिहास में रेड लेटर डे यानि की शुभारंभ दिवस माना जाता है । उस समय भारत के चार प्रदेशों बम्बई, कलकत्ता, मद्रास और अहमदाबाद में टेलेफोन एक्स्चेंज की स्थापना की गयी थी । पर STD Code Concept का आते आते आधी सदी से ज्यादा का वक्त बीत गया था, जब भारत में पहले Tier-1 शहरों के STD Code निर्धारित किये गये तब धनबाद तो क्या पुरा नॉर्थ ईस्ट पश्चिम बगांल का हिस्सा हुआ करता था । उस समय 11 दिल्ली, 22 बम्बई, 33 पश्चिम बगांल और 44 मद्रास के STD Code निर्धारित किये गये ।

26 अक्टुबर 1956 को धनबाद मानभुम से अलग होकर एक ज़िले के रुप में गठित हुआ और यह बिहार का हिस्सा बन गया । पर STD Code के बदलने से संचार व्यवस्था में कई परेशानियां बढ़ सकती थी इसीलिए STD Code जैसे का तैसा ही रहने दिया गया । धनबाद के अलावा नॉर्थ ईस्ट रिज़न के लगभग सभी शहरों के STD Code 03 से शुरु होते हैं ।

वर्तमान समय की तुलना में उस समय धनबाद जिले का विस्तार उत्तर से दक्षिण में 43 मील और पुर्व से पश्चिम में 47 मील अधिक हुआ करती थी । 1971 के बाद बिहार के सभी ज़िलों को पुनर्व्यवस्थित किया गया उस समय भी धनबाद पर कोई असर नहीं पड़ा पर 1991 में धनबाद के चास सब-डिवीज़न को और गिरिडिह के बेरमो सब-डिवीजन को अलग करके बोकारो जिले निर्माण किया गया । जिसके दौरान धनबाद ज़िले से 2995 वर्ग कि0मी0 का क्षेत्र अलग हो गया ।




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