झारखण्ड राज्य का निर्माण 15 नवम्बर 2000 को बिहार के दक्षिणी जिलों को अलग कर किया गया था, तब से लेकर आज 2 जनवरी 2018 तक कुल मिला कर 10 बार 6 लोग झारखण्ड के मुख्यमंत्री के पद पर आसीन हो चुके हैं। इन 6 मंत्रियों में से 3 भारतिय जनता पार्टी के थे। जिनमें सर्वप्रथम श्री बाबु लाल मरांडी ने 15 नवम्बर 2000 को मुख्यमंत्री पद के लिए शपथ ली। वह रामगढ़ विधान सभा क्षेत्र से आये। झारखण्ड के मुख्यमंत्री के पद पर सबसे लम्बे समय तक कार्यरत रहने वाले मुख्यमंत्री श्री अर्जुन मुंडा है जबकि यह राज्य अपने स्थापना दिवस से मात्र 12 वर्ष 239 दिनों के भीतर ही तीन बार राष्ट्रपति शाषण के अधिन रहा। झारखण्ड राज्य के मुख्यमंत्रियों का विवरण नीचे दिया गया है।
1. श्री बाबु लाल मरांडी
झारखण्ड के मुख्यमंत्री पद पर सर्वप्रथम श्री बाबु लाल मरांडी पदासिन हुए। उन्होनें 15 नवम्बर 2000 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनका कार्यकाल 17 मार्च 2003 तक चला। श्री बाबु लाल मरांडी भारतीय जनता पार्टी के तरफ से रामगढ विधानसभा क्षेत्र से चुने गये, वह कुल 852 दिनों तक अपने पद पर बने रहे। इससे पहले 1991 में उन्हें भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें टिकट दिया और दुमका लोक सभा क्षेत्र से उम्मीदवार के रुप में खडा किया जहां उनकी हार हुई पर 1996 और 1998 के बीच वे झारखण्ड राज्य में भारतीय जनता पार्टी का अध्यक्ष चुना और उनके नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने 14 लोक सभा सीटों मंट से 12 में जीत दर्ज की और सन 2000 में झारखण्ड राज्य के निर्माण के पश्चात उन्हें झारखणड का मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया।2. श्री अर्जुन मुंडा
झारखण्ड के प्रथम मुख्यमंत्री श्री बाबु लाल मरांडी का कार्यकाल अभी आधा भी खत्म नहीं हुआ था कि उन्हें अन्य राजनीति पार्टियों के दवाब के कारण इस्तिफा देना पडा जिससे झारखण्ड के दुसरे मुख्यमंत्री के पद के लिए श्री अर्जुन मुंडा के रास्ते खुल गये। श्री अर्जुन मुंडा भारतीय जनता पार्टी के तरफ से खरसावां विधानसभा क्षेत्र से चुने गये। उन्होनें 18 मार्च 2003 को शपथ ग्रहण किया और 2 मार्च 2005 तक मुख्यमंत्री के पद पर बने रहे, वह कुल 715 दिनों तक अपने पद पर बने रहे। श्री अर्जुन मुंडा भारतीय जनता पार्टी ओर से कुल मिला कर 3 बार मुख्यमंत्री की शपथ ले चुके है। तीनों बार वह विधानसभा क्षेत्र से चुने गये। दुसरी वह 12 मार्च 2005 से 14 सितम्बर 2006 तक अपने पद पर बने रहे। इस दरमयान उनका कार्यकाल 555 दिनों का था तथा तीसरी बार वह 11 सितम्बर 2010 से 18 जनवरी 2013 तक अपने पद पर बने रहे। इस दरमयान उनका कार्यकाल 860 दिनों का था। कुल मिला कर मुख्यमंत्री के पद पर उनका कार्यकाल 2130 दिनों का रहा।3. श्री शिबु सोरेन
2005 के विधानसभा चुनाव के बाद अर्जुन मुंडा का कार्यकाल समाप्त हो गया और बड़े ही विवादास्पद ढंग से दिशोम गुरु के नाम से प्रसिद्ध श्री शिबु सोरेन झारखण्ड के तीसरे मुख्यमंत्री बने। वह झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के ओर से आये परंतु बहुमत साबित न कर सकने के कारण कुछ दिन पश्चात ही उन्हें इस्तीफ़ा देना पड़ा। इस बीच दिनांक 2 मार्च 2005 से 12 मार्च 2005 तक केवल 10 दिनों के लिये वह मुख्यमंत्री पद पर बने रहे। इसके पश्चात पुन: मुख्यमंत्री के पद की बागडोर अर्जुन मुंडा के हाथों मे आगई। अर्जुन मुंडा की तरह शिबु सोरेन भी झारखण्ड के मुख्यमंत्री की शपथ तीन बार ले चुके है। दुसरी बार वह 27 अगस्त 2008 से 18 जनवरी 2009 तक मुख्यमंत्री पद पर आसीन रहे। इस बीच उनका कार्यकाल 144 दिनों का रहा और फिर उन्हें इस्तिफा देना पडा। उनके पद त्याग करने बाद झारख़ण्ड में पहली बार राष्ट्रपति शाषण लागु हो गया। जो 2009 विधान सभा चुनावों तक लागु रहा। तीसरी बार वह 30 दिसम्बर 2009 से 31 मई 2010 तक मुख्यमंत्री पद पर बने रहे और इस बीच उनका कार्यकाल 152 दिनों का रहा।4. श्री मधु कोडा
झारखण्ड के चौथे मुख्यमंत्री के रुप में श्री मधु कोडा को चुना गया। भारत के राजनितिक इतिहास में यह तीसरा मौका था जब किसी निर्दलिय विधायक को किसी प्रांत का मुख्यमंत्री बनाया गया था। मधु कोड़ा निर्दलिय विधायक के रुप में ज़गन्नाथपुर विधानसभा क्षेत्र से चुने गये। वह लगभग 2 सालों तक मुख्यमंत्री पद पर बने रहे। वह दिनांक 14 सितम्बर 2006 से 23 अगस्त 2008 तक मुख्यमंत्री पद पर बने रहे। 709 दिनों तक अपने पद पर बने रहने के पश्चात उन्हें इस्तिफा देना पडा।5. श्री हेमंत सोरेन
श्री हेमंत सोरेन झारखण्ड राज्य के पांचवें मुख्यमंत्री के रुप में पहली बार साल 2013 में चुने गये। अपने पिता शिबु सोरेन की तरह वह भी झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के दुमका विधान सभा क्षेत्र से आये थे। 18 जनवरी 2013 को अर्जुन मुंडा को अपने पद से इस्तिफा देना पडा और उसके बाद झारखण्ड में तीसरी बार राष्ट्रपति शाषण लागु हो गया। 13 जुलाई 2013 को हेमंत सोरेन ने झारखण्ड राज्य के पांचवें मुख्यमंत्री के रुप शपथ ली और वह अपने पद पर 28 दिसम्बर 2014 तक बने रहे। उनका कार्यकाल 533 दिनों का रहा। 2014 विधान सभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की भारी मतों से जीत हुई और फिर झारख़ण्ड प्रदेश में पुर्ण बहुमत की सरकार का नया अध्याय शुरु हुआ।6. श्री रघुवर दास
श्री रघुवर दास झारखण्ड राज्य के छठे मुख्यमंत्री के रुप में साल 2014 में चुने गये। उन्होने 28 दिसम्बर 2014 को भारतीय जनता पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वह पुर्वी जमशेदपुर विधानसभा क्षेत्र से भारी मतों से विजय प्राप्त करके आये। उनकी इस जीत का सार श्रेय “मोदी लहर” को दिया गया। भारतीय जनता पार्टी और रघुवर दास की सरकार झारखण्ड प्रदेश की अब तक की सबसे स्थिर सरकार है। रघुवर दास झारखण्ड प्रदेश के अकेले ऐसे मुख्यमंत्री है जिन्होनें एक कार्यकाल में अपने पद पर 1000 दिन पुरे किये।7. राष्ट्रपति शाषण
जैसा कि झारखण्ड राज्य का निर्माण 15 नवम्बर 2000 को हुआ था तब से लेकर 12 जुलाई 2013 तक के बीच या कहें की लगभग 13 वर्षों की आयु में ही झारखण्ड प्रदेश में तीन बार राष्ट्रपति शाषण लागु हो चुका है। पहली बार 19 जनवरी 2009 से 29 दिसम्बर 2009 तक 344 दिनों के लिये, दुसरी बार 1 जुन 2010 से 11 सितम्बर 2010 तक 102 दिनों के लिये और तीसरी बार 19 जनवरी 2013 से 12 जुलाई 2013 तक 175 दिनों के लिये लागु हो चुका है।10 रोचक तथ्य:-
(दिनांक : 9 जनवरी 2018 तक)• झारखण्ड प्रदेश में अब तक कुल 13 बार मुख्यमंत्री पद परिवर्तन हो चुका है। जिनमें 10 बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली गई और 3 बार राष्ट्रपति शाषण लागु हुआ।
• मुख्यमंत्री के एक कार्यकाल में शिबु सोरेन सबसे कम केवल 10 दिनों के लिये ही मुख्यमंत्री बन पाए।
• मुख्यमंत्री के एक कार्यकाल में रघुवर दास (1100 दिनों से भी ज्यादा) सबसे ज्यादा दिनों तक मुख्यमंत्री पद पर आसीन हैं।
• अर्जुन मुंडा और शिबु सोरेन 3-3 बार मुख्यमंत्री पद की शपथ के चुके हैं।
• झारखण्ड प्रदेश में अभी तक केवल दो पार्टियां ही सरकार बना पाईं हैं भारतीय जनता पार्टी और झारखण्ड मुक्ति मोर्चा।
• शिबु सोरेन अकेले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्होने कार्यकाल पुर्ण होने से पहले तीन बार पद से इस्तीफा दिया और जिसके बाद दो बार राष्ट्रपति शाषण लागु हुआ।
• झारखण्ड प्रदेश के निर्माण के केवल 4622 दिनों में ही राज्य में 3 बार राष्ट्रपति शाषण लागु हुआ।
• कुल छ: लोग मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं।
• छ: में तीन मुख्यमंत्री भारतीय जनता पार्टी के ओर से हैं, दो झारखण्ड मुक्ति मोर्चा और एक निर्दलिय हैं।
• मधु कोडा झारखण्ड प्रदेश के अकेले निर्दलिय मुख्यमंत्री हैं।
Read this post in English Click on Chief Minister of Jharkhand - Jharkhandinfo
0 Comments:
Post a Comment